जानु बस्ति थेरेपी क्या है? (What Is Janu Basti Therapy)
Janu Basti Therapy Hindi: आयुर्वेद में कई तरह की थेरेपी उपलब्ध हैं। जानू बस्ती थेरेपी उनमें से एक है। जोड़ों और घुटनों के दर्द को कम करने के लिए यह एक खास तरह की आयुर्वेदिक थेरेपी है। इस थेरेपी का प्रयोग खासतौर पर घुटनों के दर्द (Janu Basi Therapy Uses) में किया जाता है।
जानु बस्ती दो शब्दों ‘जनु’ और ‘बस्ती’ से मिलकर बना है। जानु का शाब्दिक अर्थ है घुटने का जोड़। वहीं, बस्ती का अर्थ है धारण करना। यानि घुटने के जोड़ को स्वस्थ रखने में यह एक लाभकारी थेरेपी है। इस आयुर्वेदिक थेरेपी में विषगर्भा, नारायण, बाला जैसी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, इन्हें तेल में डालकर गर्म किया जाता है। ये औषधीय तेल आपके दर्द से राहत दिलाने में कारगर हो सकते हैं।
कैसे दी जाती है जानु बस्ति थेरेपी ? Janu Basti Therapy Hindi
जानु बस्ती थेरेपी में आयुर्वेदिक हर्बल तेलों का उपयोग किया जाता है। इस थेरेपी को देने के लिए सबसे पहले मरीज को पीठ के बल लिटा दिया जाता है। इसके बाद उसके घुटनों पर उड़द दाल की पिठ्ठी यानी गुंथी हुई उड़द दाल का इस्तेमाल कर कटोरी जैसा आकार दिया जाता है. इसके बाद इसमें आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से तैयार गुनगुना तेल डाला जाता है। यह थेरेपी करीब 35 से 40 मिनट तक दी जाती है।
Read in English
जानु बस्ति थेरेपी के फायदे (Janu Basti Therapy Hindi Benefits)
- जानु बस्ति थेरेपी की मदद से घुटनों के दर्द को दूर किया जा सकता है।
- यह घुटनों के अकड़न और दर्द को कम करता है।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) रोगियों के लिए यह थेरेपी लाभकारी माना जाता है।
- शरीर को ऊर्जा देने के लिए भी इस थेरेपी को ली जा सकती है।
- इस थेरेपी को लेने से आपके घुटनों की क्षमता बढ़ती है।
जानु बस्ति में सावधानियां (Precaution of Janu Basti Therapy Hindi)
घुटने के दर्द से प्रभावित लोगों के लिए जानु बस्ती थेरेपी फायदेमंद हो सकती है। हालाँकि, इस थेरेपी को लेने के लिए कुछ विशेष सावधानियों की आवश्यकता होती है। जैसा-
- जानु बस्ती थेरेपी लेने के तुरंत बाद न नहाएं। इससे आपके शरीर से अतिरिक्त तेल निकल जाएगा, जिससे असर कम हो सकता है।
- थेरेपी लेने के बाद ठंडी जगहों पर बैठने से बचें, खासकर एसी के पास।
- अगर आप जानु बस्ती थेरेपी ले रहे हैं तो धूम्रपान और शराब का सेवन न करें। इससे थेरेपी का असर कम हो सकता है.
- थेरेपी लेते समय अपने शरीर को सक्रिय रखें। हल्की-फुल्की गतिविधियों में शामिल हों।
जानु बस्ति थेरेपी के नुकसान (Janu Basti Therapy Hindi Side Effects)
घुटने के दर्द के लिए जानु बस्ती थेरेपी काफी कारगर हो सकती है। इस थेरेपी में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए नुकसान होने की संभावना कम है. हालाँकि, कुछ स्थितियों में इससे आपको नुकसान भी हो सकता है। जैसा-
- अगर ज्यादा गर्म तेल का इस्तेमाल किया जाए तो इससे आपकी त्वचा पर जलन और रैशेज हो सकते हैं।
- अगर आप थेरेपी लेने के तुरंत बाद नहा लेते हैं तो इसका असर कम होता है।
- घुटनों के दर्द को कम करने में जानू बस्ती थेरेपी कारगर है। हालाँकि, ध्यान रखें कि इस थेरेपी को हमेशा किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही लें। बिना विशेषज्ञ की सलाह के इस थेरेपी को लेने से बचें।
पथ्यम आयुर्वेदा में अपना अपॉइंटमेंट बुक करें।
पथ्यम आयुर्वेदा (Best Ayurveda Centre in Delhi NCR) में जानु बस्ति उपचार के लिए अपना अपॉइंटमेंट बुक करें। जानु बस्ति एक प्रकार का आयुर्वेदिक उपचार है जो जोड़ों के दर्द और संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इस उपचार के लिए अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए कॉल करें: +918178423975। आयुर्वेदिक चिकित्सा में जानु बस्ति एक प्रमुख उपाय है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। इस उपचार के लिए विशेषज्ञ आयुर्वेदिक चिकित्सकों की सलाह और निर्देशन के लिए अपना समय बुक करें।
Read in English
Janu Basti Therapy Hindi FAQ
1. जानु बस्ती क्या है?
जानु बस्ती एक आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें पेट के क्षेत्र में गर्म तेल का उपयोग किया जाता है। इसका उद्देश्य शरीर के किसी विशेष भाग को शोधित करना और उसमें उपचार करना होता है।
2. जानु बस्ती किसके लिए उपयोगी है?
जानु बस्ती विभिन्न रोगों और स्थितियों के उपचार में उपयोगी होती है, जैसे कि कमर दर्द, पीठ दर्द, रीढ़ की हड्डी की चोट, अत्यधिक दुखी मासपेशियों में राहत, आर्थराइटिस, स्नायुशूल, आदि।
3. जानु बस्ती कैसे की जाती है?
जानु बस्ती में, शुद्ध और गर्म तेल को एक छोटे बर्तन में डालकर उसे शरीर के विशिष्ट क्षेत्र में धाराप्रवाह करते हैं। यह तेल उस क्षेत्र को उच्च तापमान पर गरम करता है और शरीर के अंदर की शोधन क्रिया को बढ़ाता है।
4. जानु बस्ती कितनी देर तक की जाती है?
जानु बस्ती की अवधि व्यक्ति के लक्षणों और स्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकती है। आमतौर पर, इस प्रक्रिया को 20 से 40 मिनट तक की जाती है।
5. जानु बस्ती के क्या फायदे होते हैं?
जानु बस्ती के कई फायदे होते हैं, जैसे कि दर्द कम करना, संयुक्तियों को लचीला बनाना, स्थितियों को नियंत्रित करना, मांसपेशियों को तंतुओं की तंतुओं को शांत करना, और शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए रखना।